दोस्तों हम सब प्रतिदिन गूगल (Google), फेसबुक (Facebook), ट्विटर (Twitter),
Wikipedia इत्यादि सभी चला रहे हैं। लाखो GB का डाटा अपलोड हो रहा है, डाउनलोड हो रहा है, शेयर हो रहा है।यह सब कैसे हो रहा है? क्या आपको पता है दोस्तों YouTube पर हर मिनट 1000 घंटे की वीडियो अपलोड की जाती है। इंटरनेट कितना बड़ा है और यह हमारे जीवन में इतना महत्वपूर्ण बन चुका है
अगर साधारण शब्दों में कहा जाए तो आजकल इंटरनेट हमारी जरूरत, और आदत दोनों बन चुका है। लेकिन सवाल अब यह उठता है। इंटरनेट चलता कैसे है? कोई इंडिया में कोई डाटा अपलोड कर रहा है, और वह डाउनलोड रसिया में हो रहा
है। तो इंडिया और रशिया के बीच आखिर है क्या? हम सभी शायद यह सोचते हैं कि
इंटरनेट सेटेलाइट के जरिए चलता होगा। बादल से चलता होगा।
इंटरनेट कैसे चलता है इसका मालिक कौन है?
लेकिन दोस्तों इंटरनेट केबल्स (Cables) के जरिए चलता है 99% ऑफ द इंटरनेशनल डाटा ट्रैफिक इसे में सरल भाषा में कहूं तो 99% इंटरनेट” इन्हीं केवल के जरिए आता और जाता है जो बाकी “1% इंटरनेट” वह माइनर ट्राफिक सेटेलाइट के जरिए हम सब के पास पहुंचता है। हमारा इंटरनेट
केबल्स (Cables) से चलता है दोस्तों यह केबल पूरी पृथ्वी पर बिछी हुई है। इन केबल्स (Cables) को कहते हैं “ऑप्टिकल केबल फाइबर्स” (Optical
cable fibers). और इन्हें कभी-कभी “सबमरीन केबल” (Submarine
Cable) भी कहा जाता है।
दोस्तों यह केबल “ग्लास” की बनी होती है। और इसका साइज मानव शरीर के बाल जितना होती है। तो आप का सारा
डाटा, सारा इंफॉर्मेशन इन्हीं बाल जितनी पतली “केबल्स” (Cables) के जरिए जा रहा है। मतलब की यह जो आप अभी मेरे वेबसाइट पर पोस्ट पढ़ रहे हैं, यह भी उन्हें किसी “केबल्स” (Cables) के थ्रू आप तक पहुंच रहा है।
मतलब दोस्तों अगर सोचा जाए तो साइंस कितना अजीब है ना। थोड़ा रहस्यमई भी है,और थोड़ा आश्चर्यचकित कर देने वाला भी है। तो अब आपके दिमाग में यह ख्याल आ
रहा होगा कि, यह “केबल”(Cable) जिसके जरिए इंटरनेट (Internet)
चल रहा है, इस “केबल” (Cables) को बिछाया किसने है? या फिर इसे बिछाता कौन है? क्योंकि जिन्होंने भी यह केवल बिछाई
होगी, वही इंटरनेट (Internet)
के मालिक होंगे। लेकिन नहीं इंटरनेट (Internet) का कोई भी मालिक नहीं है।
इंटरनेट (Internet) को चलाने वाले इन “केबल” (Cables) को देश और दुनिया के बड़ी बड़ी “प्राइवेट कंपनियां” (Private Company) ने अपने पैसे लगाकर बिछाई है। और इन्हीं कंपनियों को हम सब बोलते हैं “टियर वन कंपनी”(Tier
1 Company).
ISP- इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (INTERNET SERVICE PROVIDERS) हम सब को इंटरनेट
प्रोवाइड करवाती है। यह तीन भागों में विभाजित की गई है।
1. “टियर-1″(Tier 1)
2. “टियर-2″(Tier 2)
3. “टियर-3″(Tier 3)
दोस्तो “टियर-1” तो वह कंपनी हो गई जो अपने पैसे लगाकर समुंद्र में इन “केबल” (Cables) को बिछवाई थी और “टियर 2” तथा “टियर 3” कंपनीज वह कंपनी है, जिन्हें हम पैसा देते है। और उसके बदले वह हमें इंटरनेट (Internet) देती हैं।
तो “टियर-2” कंपनीज छोटी होती है। उनकी हर जगह तो पहुंच होती नहीं, तो वह “टियर-1” कंपनी से इंटरनेट लेती है, और हमें अर्थात ग्राहक को देती है। और
उसके बदले में ग्राहक से पैसे लेती है और अपना थोड़ा कमीशन रखकर “टीयर 1” कंपनी को पैसे दे देती है। और “टीयर 3” कंपनी भी ऐसा ही करती है।
अब अगर हम अपने देश की बात करें, अर्थात् भारत की, तो भारत में “टियर-1” कंपनी है “टाटा कम्युनिकेशन” (Tata
Communications)
पुरे भारत में टाटा कम्युनिकेशन (Tata Communications) ने अपने पैसे
लगाकर समुद्र में केवल बिछाई है। और उन्ही “केबल” (Cables) की सहायता से पूरे भारत में इंटरनेट (Internet) चल रही है।
तो दोस्तों अगर आपको हमारे इस पोस्ट “इंटरनेट कैसे काम करता है?(How Does the Internet work in Hindi) से थोड़ा सा भी ज्ञान मिला हो, या कुछ सीखने को मिला हो। तो प्लीज
आप अपने कमेंट के जरिए हमें जरूर बताएं